आन्ध्र के जंगल में, झारखण्ड के गाँव में
छत्तीसगढ़ के बीहड़ में,बंगाल और उड़ीसा की सड़कों पर
जा रहा ,एक जवान होता बच्चा,
भूखा, काम पर,
लिए आँखों में दबे-कुचले ख्वाब,
खोजने अपनी पहचान.
बन्दूक लिए अपने कन्धों पर,
मारने भूख, गरीबी और अपना बचपन
करता हमें सलाम
लाल सलाम!
No comments:
Post a Comment