Sunday, May 16, 2010

“सपने में मौत”




कल मैंने एक सपना देखा,
सपने में कोई अपना देखा,
उस अपने का तडपना देखा,
तड़प तड़प के मरना देखा.

ए के ४७ और ग्रेनेड देखे,
उनको चलाने वाले चेहरे देखे,
हर चेहरा था बिलकुल एक सा....
पर नाम थे अलग अलग
अल्लाह, गाड और भगवान.

और मरने वाला था “इंसान”.


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