मेरी प्यारी भांजी गुनगुन उर्फ 'गुन्नू' ..उसके लिए इन पंक्तियों को लिखने से अपने आप को रोक नहीं पाया..
हँसती गाती मौज मनाती,
खेल खेल में बढती जाती,
वक्त के साथ हाथ मिलाती,
नित नए है पाठ पढाती,
सबकी प्यारी गुन्नू.
कथक पे है पैर थिरकाती,
पिआनो पर भाई का साथ निभाती,
टेनिस के खेल में रंग जमाती,
कहानियाँ पढ़ती तो पढ़ती ही जाती,
रात को सुनती और सुनाती,
सबकी प्यारी गुन्नू.
पापा के है पैर दबाती,
मम्मी का है सर सहलाती,
नाना को घोडा बनवाती,
नानी को घर भर दौड़ाती,
सबकी प्यारी गुन्नू.
क्लास में सबको दोस्त बनाती,
पढ़ाई में हमेशा अव्वल आती,
होमवर्क को सदा कर जाती,
टीचर से वेरी गुड पाती,
सबकी प्यारी गुन्नू.
मामा-मामी से प्यार जताती,
जब भी आयें गले लगाती,
हाथ पकड़ के सैर कराती,
कंधे पर चढ़ चक्कर लगवाती,
सबकी प्यारी गुन्नू.
गुन्नू सबकी प्यारी है.
घर भर की दुलारी है,
आगे बढती जायेगी,
खूब नाम कमाएगी.
होनहार गुन्नू को बहुत बहुत आशीर्वाद। अच्छा लगा गुन्नू के लिये ये कविता का तोहफा। बधाई।
ReplyDeleteआगे बढती जायेगी,
ReplyDeleteखूब नाम कमाएगी.
बहुत सुन्दर रचना । आभार
.................ढेर सारी शुभकामनायें
बहुत धन्यवाद निर्मला जी एवं संजय जी..बच्चे बड़े प्यारे होते हैं..भावनाओं को कुरेद देते हैं
ReplyDeletepyari gunnu ko meri taraf se dher sara pyar...aur aap ko bahut shubhkamnaye...
ReplyDeleteशुक्रिया शोभा जी..गुन्नू तक आप सबका प्यार और आशीर्वाद पहुचाऊंगा
ReplyDeleteयूँ ही सदा गुनगुनाती रहे
ReplyDeleteसबकी प्यारी गुन्नू ...
lots of love and best wishes for her ... :)
@ असीम जी ,,, मेरी तरफ से भी चंद लाईनें...
ReplyDeleteगुन्नू के गुण हैं अपरम्पार...
खेलों में है वो आगे रहती...
पढ़ने में न वो पीछे रहती...
बात चबोकना उसको आता...
प्यार बड़ों पर वो लुटाती...
भाई वाह वाह वाह राम जी...
गुन्नू रानी बड़ी सायानी...
सबकी प्यारी गुन्नू रानी...
(( मेरी लेखनी.. मेरे विचार..))
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बहुत धन्यवाद क्षितिजा, जोगेन्द्र जी..
ReplyDeleteजोगेन्द्र जी आपने कविता में चार चाँद लगा दिए :)
बहुत सुन्दर ...गुन्नू यूँ ही खिलखिलाती रहे ..नाचती रहे ...
ReplyDeleteशुक्रिया संगीता जी..
ReplyDeleteFrom 'Gunnu' to all-
ReplyDeletethank you for all for the blessings that are showered on me