Saturday, February 26, 2011

केंचुआ


मुड़ा हुआ तकिया, निकली हुई रुई,

गिरा हुआ गिलास, बिखरा हुआ पानी.

किताब, तौलिया, तेल की शीशी,

और कंघी के पास उलटी पड़ी चप्पल.

बगल में बैठा एक लड़का,

खिडकी से बाहर देख रहा,

कमर में रस्सी बांधे, ताड़ पर चढ़ते आदमी को,

गाड़ी से बाहर झांकते, झीभ लपलपाते कुत्ते को,

नाली में बहते नोट को,

और गीली मिटटी में रेंगते केंचुए को.

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